कई बार आपने खबरों में सुना होगा कि किसी केस पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा, तो आखिर फैसला सुरक्षित का मतलब क्या होता है।
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फैसला सुरक्षित का मतलब
फैसला सुरक्षित रखने का मतलब, कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुन ली है, जज साहब के सामने पेश की गई लिखित दलीलों पर सुनवाई हो चुकी है और फैसला भी ले लिया गया है, लेकीन ये फैसला अगली तारीख को सुनाया जाएगा। ये तारीख कौनसी होगी इसका फैसला कोर्ट ही करेगा।
जज कब तक फैसला सुरक्षित रख सकता है
जज किसी भी फैसले को 6 महीने तक सुरक्षित रख सकता है, इसके बाद कोई भी पक्ष लिखित प्रार्थना पत्र देकर उक्त मामले को वापस ले सकता है और किसी दुसरे न्यायालय में अर्जी दे सकता है।
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